Bikhare Rishte

Read this amazing Hindi Poem About Family and Relationships.

बिखरे रिश्ते (Bikhare Rishte)

कुछ रिश्ते ऐसे बिखर जातें है कि,
उन्हें समेंटना बहुत मुश्किल हो जाता है।
चाहते हुए भी,
सब कुछ पहले जैसा करना,
हर कोशिश नाकाबिल हो जाता है।

कुछ कहना भी चाहो, तो कह नहीं सकतें,
समय कभी-कभी इतना तंगदिल हो जाता है।

“ठीक हो? “
चाहते हुए भी पूछ नहीं सकते
लेकिन फ़िक्र तो दिल से जाती नहीं ना
सही कहा था तुमने
जगह बदलने से परेशानी नहीं बदलती,
तो रिश्ते भी नहीं बदलने चाहिए ना?

खैर,
वक़्त शायद तुम्हारा भी अभी कठिन होगा।
हो अगर व्यग्रता की घडी भी, खड़ी रहना।
ये समस्या उतना भी नहीं जटिल होगा।

आगे और भी चुनौतियाँ आएँगीं,
करना परीक्षा फल का इंतेज़ार,
खुद पर भरोसा रखना, और संयम धरना। 
कोशिश करना,

अपना और औरों का ख्याल रखना।

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