Mera Bhaiya

Mera Bhaiya: Hindi Poem For Brother

मेरा भैया (Mera Bhaiya)

सबसे न्यारा, मम्मी का दुलारा
ना जाने किस कचड़े के डब्बे से उसे उठाया

नालायक है पिटने के लायक है
दिन भर छेड़े, हरकते करे टेढे मेढे

उफ़, फिर भी सबका प्यारा, मेरा भैया

रुलाता है, फिर हँसता है
सताता है, फिर मनाता है
मम्मी के डांट से भी बचाता है
मेरे फैसले पे होसला भी दिखाता है
फिर उनका मजाक भी बनाता है

थोड़ा सनकी है, मेरा भैया

सबसे छुपा कर चॉकलेट भी खिलाता है
और छुपाई हुई खा भी जाता है
बाइक पे घुमाता है मेरे लिए मम्मी पापा से लड़ जाता है

डांट लगाता और समझता
आँखो से मेरे आँसू मिटाता
बड़े होने का फर्ज़ निभाता
सबसे प्यारा, मेरा भैया

Read and dedicate this Hindi poem to your brother.

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